Monday, 4 March 2013

इश्क की दास्तान कोई तो बताये .....



इश्क की  दास्तान क्या है कोई तो बताये 

दिल को किसी का साथ बहुत ही भाये

उसकी बातो का दिल पर असर हो जाये

तो क्या इससे किसी को इश्क हो जाये ......... 




फिर आँखों से नींद उड़ जाये

खवाबो में वो आये और जाये

ख्यालों पर उसका पहरा हो

भीड़ में भी इंसान अकेला हो

तो क्या इससे किसी को इश्क हो जाये .......


हर कहीं चेहरा बस वो ही नज़र आये

उसकी रूह यूँ दिलो जान पर छाये

उसकी खुशियों में ही अपनी ख़ुशी नज़र आये

वो जो साथ हो तो जहां मिल जाये

तो क्या इससे किसी को इश्क हो जाये..............

6 comments:

  1. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुतिकरण,सादर आभार। ब्लॉग कलश पर आपका स्वागत है।
    भूली-बिसरी यादें

    वेब मीडिया
    "ब्लॉग कलश"

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  2. आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार 5/3/13 को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका स्वागत है|

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  3. वाह बहुत सुन्दर भाव संयोजन

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  4. यकीनन ये प्रेम ही है ... इसमें डूब जाना ही जिंदगी है ..

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  5. एक सम्पूर्ण पोस्ट और रचना!
    यही विशे्षता तो आपकी अलग से पहचान बनाती है!

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