Saturday, 7 September 2013

हाइकु प्रयास

अंधेरी रात
सुनसान गलियाँ
कुकुर ध्वनी !

गरीब बच्चा
ज्वर में तड़पता
लाचार है माँ !

चुनावी वादे
तोहफों की बहार
गधा भी बाप !

खिलती कली
अनायास कुचली
घिनौना कर्म !

झूठा संसार
मोहमाया का जाल
अटल सत्य  !

पहली बार लिखा है पता नहीं कोई सही भी है या नहीं 
कृपया बताइये क्या संशोधन की आवश्यकता है ताकि कुछ सीखने में मदद मिले ... धन्यवाद !

प्रवीन मलिक .....


7 comments:

  1. बहुत ही सुन्दर प्रयास है, दुसरे हाइकू का मध्य भाग में ७ से ज्यादा वर्ण हैं (बुखार में तडपता) बुखार को पीड़ा या कोई अन्य उपयुक्त शब्द लिख सकती हैं, धन्यबाद।

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    1. जी बुखार को ज्वर कर दिया .... बाकी ठीक हैं ???
      सादर !

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  2. नमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (08-09-2013) के चर्चा मंच -1362 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ

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  3. ……सुन्दर अभिब्यक्ति

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  4. सटीक हाइकु.....मुबारक हो !

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