मानव सभ्यता की नींव हैं बेटियां
भगवान् की अद्भुत रचना हैं बेटियाँ
खुशनसीब के घर जन्म लेती हैं बेटियाँ
जिंदगी के क़र्ज़ से मुक्त करती हैं बेटियाँ
एक पिता का गुरुर होती हैं बेटियाँ
एक माँ का भी प्रतिरूप हैं बेटियाँ
प्यार और ममता का नाम हैं बेटियाँ
किसी के भी घर की शान हैं बेटियाँ
समाज का एक अहम् अंग हैं बेटियाँ
त्याग और विश्वास का नाम हैं बेटियाँ
हर रिश्ते का आधार हैं बेटियाँ
घर को खुशियों से महका देती हैं बेटियाँ
दुर्गा रूप अवतार भी कहलाती हैं बेटियां
गंगा सी पवित्र व उज्जवल होती हैं बेटियाँ
लक्ष्मीबाई सी साहसी भी होती हैं बेटियाँ
हर रूप में गुणों की खान होती हैं बेटियाँ
दुःख में सहारा तो सुख में बढ़ावा देती हैं बेटियाँ
पर हमारे समाज में आज नहीं सुरक्षित बेटियाँ
भरे बाज़ारों में आज शर्मसार होती हैं बेटियाँ
भेडियों का कभी भी शिकार होती हैं बेटियाँ
दहेज़ प्रथा की भी शिकार होती हैं बेटियाँ
बेटा-बेटी में पक्षपात की भी शिकार होती हैं बेटियाँ
रीती रिवाजों का भी शिकार होती हैं बेटियाँ
जन्म से पहले ही गर्भ में मार दी जाती हैं बेटियाँ
बेटी है तो कल है सर्वज्ञ है फिर भी शिकार हैं बेटियाँ
@@@@@ प्रवीन मलिक @@@@@