बहुत दिन से कुछ लिख नहीं पायी आज कोशिश की है कुछ लिखने की .... देखिये जरा !!
बेखबर सी तुम जो मुस्करा रही हो ,
जाने इतना तुम क्यूँ शरमा रही हो !
क्या राज छुपा रखा है इन आँखों में ,
जो इस तरह नजरें तुम झुका रही हो !!
किसकी यादों को दिल में छुपा रही हो ,
किसके सपने आँखों मे सजा रही हो !
कौन है वो खुशनसीब सा इस जहाँ में ,
जिसके लिए मंद-मंद मुस्करा रही हो !!
**********प्रवीन मलिक**********
बहुत सुन्दर गीत लिखा आपने !
ReplyDeleteनई पोस्ट मन्दिर या विकास ?
नई पोस्ट लोकतंत्र -स्तम्भ
अच्छी रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर
वाह !! बहुत सुंदर... पुरे दिल से कविता निकली है.. प्रवीण
ReplyDeleteवाह ... चंद लाइनें और दिल की बेबसी का लेखा जोखा ...
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