मुझे नहीं पता
आखिर क्या है कविता !
आखिर क्या है कविता !
शायद प्रकृति का
अवर्णनीय सौंदर्य है कविता !
अवर्णनीय सौंदर्य है कविता !
शायद किसी प्रेमिका के
अप्रतिम रूप का बखान है कविता !
अप्रतिम रूप का बखान है कविता !
शायद निश्चल प्रेम की
विस्तृत परिभाषा है कविता !
विस्तृत परिभाषा है कविता !
शायद दर्दे-दिल का
उमड़ता हुआ सैलाब है कविता !
उमड़ता हुआ सैलाब है कविता !
या फिर शायद कवि की
कोरी कल्पनाओं का प्रतिबिम्ब है कविता !
कोरी कल्पनाओं का प्रतिबिम्ब है कविता !
जो भी हो इसकी परिभाषा
मेरे लिए तो दिल का सुकून है बस कविता !!
मेरे लिए तो दिल का सुकून है बस कविता !!
(प्रवीन मलिक)
सुन्दर भाव
ReplyDeleteकितना कुछ है कविता .... या फिर सब कुछ
ReplyDeletebahut badhiya ,bhavnaon ki abhivyakti hai kavita !
ReplyDeleteएक बच्चे की पहली पुकार है कविता
ReplyDeleteजहाँ न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवी
ReplyDeleteसब कुछ है कविता ...कविता की सीमाएं कौन तय कर सकता है भला ?
सुंदर रचना :)
मेरे लिए तो दिल का सुकून है बस 'कविता'
ReplyDeleteBahut kuch hai kavita... Ek kavi ka sab kuch hai kavita.... Sunder abhivyakti !!
ReplyDelete