अपने सब बेगाने हो गए , न किसी का साथ मिला !
सब सपने टूट गए , गम का कुछ ऐसा साथ मिला !!
तनहाइयों ने दी पनाह , तो सोचने का अवसर मिला !
अब सोच को देना था रूप , पर न कोई मंच मिला !!
अपने में ही खोये रहे , ना मन का कोई मीत मिला !
अपना बनके जो भी मिला , उसने जी भर के ठगा !!
इंसानों की इस बस्ती में , ना कोई ऐसा इंसान मिला
इंसानियत की तो बात क्या , बस शैतान का ही रूप मिला !!
खुदगर्ज भरी इस दुनिया में , न सच्चा कोई शख्श मिला !
अपनेपन का ढोंग लिए , हर कोई झूठा शख्श मिला !!
मीठे थे बस बोल , दिल में तो था ज़हर घुला ,
जिसको हमने हीरा समझा वो तो बस चमकीला पत्थर निकला !!
................................................ प्रवीन मलिक
सब सपने टूट गए , गम का कुछ ऐसा साथ मिला !!
तनहाइयों ने दी पनाह , तो सोचने का अवसर मिला !
अब सोच को देना था रूप , पर न कोई मंच मिला !!
अपने में ही खोये रहे , ना मन का कोई मीत मिला !
अपना बनके जो भी मिला , उसने जी भर के ठगा !!
इंसानों की इस बस्ती में , ना कोई ऐसा इंसान मिला
इंसानियत की तो बात क्या , बस शैतान का ही रूप मिला !!
खुदगर्ज भरी इस दुनिया में , न सच्चा कोई शख्श मिला !
अपनेपन का ढोंग लिए , हर कोई झूठा शख्श मिला !!
मीठे थे बस बोल , दिल में तो था ज़हर घुला ,
जिसको हमने हीरा समझा वो तो बस चमकीला पत्थर निकला !!
................................................ प्रवीन मलिक
वाह बेहद प्रवीन जी वाह बेहद सुन्दर एवं भाव पूर्ण प्रस्तुति.
ReplyDeleteधन्यवाद जी
Deleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (24-02-2013) के चर्चा मंच-1165 पर भी होगी. सूचनार्थ
ReplyDeleteआपके स्नेह के लिए हार्दिक आभार अरुण जी ...
Deleteसुन्दर प्रस्तुति.
ReplyDeleteस्वागत है श्रीमान जी ...
Deleteबहुत उम्दा पंक्तियाँ ..भाव पूर्ण रचना ... वहा बहुत खूब
ReplyDeleteमेरी नई रचना
खुशबू
प्रेमविरह
धन्यवाद दिनेश पारीक जी ...
Deleteबेहद भावपूर्ण रचना...
ReplyDeleteकृप्या मेरे ब्लॉग पर भी पधारें
http://kaynatanusha.blogspot.in
धन्यवाद
धन्यवाद अनुषा जी ...
Deleteजरुर जायेंगे आपके ब्लॉग पर भी ...
ऐसा ही होता है
ReplyDeleteसादर धन्यवाद ओंकार जी ...
Deleteअपने में ही खोये रहे , ना मन का कोई मीत मिला !
ReplyDeleteअपना बनके जो भी मिला , उसने जी भर के ठगा !!..
सच कहा है ... आजकल अपने ही ठगते हैं ... सच्चे मीत का मिलना आसान नहीं ... किस्मत वालों को ही मिलते हैं ...
hmm.........to ye baat...
ReplyDeleteअपने सब बेगाने हो गए , न किसी का साथ मिला !
सब सपने टूट गए , गम का कुछ ऐसा साथ मिला !!
खुदगर्ज भरी इस दुनिया में , न सच्चा कोई शख्श मिला !
अपनेपन का ढोंग लिए , हर कोई झूठा शख्श मिला !!
har koi jhutha nhi hota,,,,,,, achhi rachna..........
खुदगर्ज भरी इस दुनिया में , न सच्चा कोई शख्श मिला !
ReplyDeleteअपनेपन का ढोंग लिए , हर कोई झूठा शख्श मिला !!
achha likha hai.....lekin har koi jhutha nhi hota mam,