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Monday, 25 February 2013

दुनिया के दिए गम हम सहे जा रहे हैं ……….



मुसाफिर हैं हम तो चले जा रहे हैं ,
दुनिया ने दिए जो गम सहे जा रहे हैं !!


पता पूछते हैं हर किसी से खुशियों का
पर हर कोई गलत पता दिए जा रहे हैं !!


जिनसे हम करते हैं बेंतहाँ मोहब्बत ,
वो नफरत पे नफरत दिए जा रहे हैं !!


जिससे की थी वफ़ा की उम्मीदें ,
वो बेवफाई पे बेवफाई किये जा रहे हैं !!


जिनके लिए मांगी थी हमने ज़माने की खुशियाँ ,
वो हर कदम पर हमें गम के आंसू दिए जा रहे हैं !!


जिन्हें अपना समझ सुनाई दिले ऐ दास्तान ,
वो हमें ही पागल- दीवाना कहे जा रहे हैं !!


जिसके ज़ख्मो को दी थी मलहम ,
अब वही हमें ज़ख्म पे ज़ख्म दिए जा रहे हैं !!


जिसके लिए की रातों की नींदें हराम,
वही अब चैन की निन्दियाँ लिए जा रहे हैं !!


जिनके लिए की ज़माने से दुश्मनी ,
वही अब हमसे दुश्मनी निभाए जा रहे हैं !!


जिनके लिए था घर-बार हमने छोड़ा ,
वही अब हमें तन्हा किये जा रहे हैं !!


जिनको पाने के लिए की थी रब से दुआ ,
अब उनको ही भुलाने की कोशिश किये जा रहे हैं !!


उसकी चाह है की हम भूल जाये उनको ,
इसीलिए अब उनको दिल से मिटाए जा रहे हैं !!

............................................प्रवीन मलिक ......

9 comments:

  1. जिनको पाने के लिए की थी रब से दुआ ,
    अब उनको ही भुलाने की कोशिश किये जा रहे हैं !!

    होता है जिंदगी में ऐसा कभी कभी ... पर भूलने से कौन भूलता है ..

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  2. जिनके लिए की ज़माने से दुश्मनी ,
    वही अब हमसे दुश्मनी निभाए जा रहे हैं

    यही तो दस्तूर है भाई ..

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  3. प्रेम के मासूम दर्द का गहरा अहसास व्यक्त करती रचना
    बधाई

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  4. जितनी लाजवाब आपकी गजल उतना ही हमें भी आपकी गजल ने लाजवब बना दिया

    मेरी नई रचना
    ये कैसी मोहब्बत है

    खुशबू

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  5. बहुत ख़ूबसूरत गज़ल..

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  6. जिनके लिए था घर-बार हमने छोड़ा ,
    वही अब हमें तन्हा किये जा रहे हैं !!
    bahut sundr parveen ji

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  7. आप सभी महानुभावों को मेरा नमस्कार और ब्लॉग पर आकर अपने कीमती शब्द देने का हार्दिक धन्यवाद...

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  8. सुंदर रचना के लिए आपको बधाई

    संजय कुमार
    शब्दों की मुस्कुराहट
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

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पधारने के लिए धन्यवाद