कन्या भ्रूण हत्या महा पाप है.. हमारे देश में देवियों की पूजा की जाती है, बेटिओं को लक्ष्मी का रूप माना. जाता है, फिर भी आज हमारे देश में कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध. को अंजाम दिया जाता है | हमें इस प्रकार के अपराध को रोकना चाहिए नहीं तो एक दिन ऐसा आएगा की न ही वंश आगे बढेगा न ही समाज .... बेटा जितना जरुरी है किसी भी वंश के लिए उतनी ही बेटी भी है !
मेरी रचना में एक अजन्मी बच्ची की पुकार एक माँ से ....
माँ मुझको भी जन्म लेने दो न
मैं भी पापा की लाडली बन
और दादी की गुडिया बन
तेरे आँगन को मह्काउंगी
हर दुःख तेरा मैं ले अपने पर
तेरे जीवन को स्वर्ग बनाउंगी ...
माँ मुझको भी जन्म लेने दो न
मैं भी बेटे के सारे फ़र्ज़
ख़ुशी से उन्हें निभाउंगी
हो सेना में मैं भर्ती
मैं भी देश के लिए
अपनी जान की बाजी लगाउंगी ...
माँ मुझको भी जन्म लेने दो न
मैं भी आपके आँगन को
खुशियों से भर जाऊँगी
खूब पढूंगी खूब लिखूंगी
और अफसर बन जाऊँगी
ले ओलम्पिक में हिस्सा
स्वर्ण पदक मैं भी लाऊँगी
नया इतिहास मैं भी रचाऊँगी ...
माँ लेने दो न ... मुझको भी जन्म लेने दो न .............
मेरी रचना में एक अजन्मी बच्ची की पुकार एक माँ से ....
माँ मुझको भी जन्म लेने दो न
मैं भी पापा की लाडली बन
और दादी की गुडिया बन
तेरे आँगन को मह्काउंगी
हर दुःख तेरा मैं ले अपने पर
तेरे जीवन को स्वर्ग बनाउंगी ...
माँ मुझको भी जन्म लेने दो न
मैं भी बेटे के सारे फ़र्ज़
ख़ुशी से उन्हें निभाउंगी
हो सेना में मैं भर्ती
मैं भी देश के लिए
अपनी जान की बाजी लगाउंगी ...
माँ मुझको भी जन्म लेने दो न
मैं भी आपके आँगन को
खुशियों से भर जाऊँगी
खूब पढूंगी खूब लिखूंगी
और अफसर बन जाऊँगी
ले ओलम्पिक में हिस्सा
स्वर्ण पदक मैं भी लाऊँगी
नया इतिहास मैं भी रचाऊँगी ...
माँ लेने दो न ... मुझको भी जन्म लेने दो न .............
बेटियां है तो कल है.बेटी की आवाज...बेहतरीन अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteaaha ha.kya kheni ............aadbhut
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि क़ी चर्चा सोमवार [15.4.2013]के चर्चामंच1215 पर लिंक क़ी गई है,
ReplyDeleteअपनी प्रतिक्रिया देने के लिए पधारे आपका स्वागत है | सूचनार्थ..
सार्थक विषय की सार्थक रचना
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना
उत्कृष्ट प्रस्तुति
बेटी की आद्र पुकार ...
ReplyDeleteबेटियों से बड़ा सुख आज के समय में नज़र नहीं आता ...
सुंदर रचना!
ReplyDeleteकन्याएँ कहीं किसी से कम नहीं हैं....
~सादर!!!
आदरणीय परवीन मालिक जी
ReplyDeleteसुंदर सहज कविता के लिए आभार !!
.बेहतरीन रचना .....प्रवीन जी .आज की सार्थकता को लिए हुए .बहुत बहुत बधाई ..
ReplyDelete