जिसका था हमें कब से इन्तजार
आ गया है देखो राखी का पावन त्यौहार
क्या हीरे-मोती का मोल क्या सोने-चाँदी का
इक धागे से बंधा भाई-बहन का अनमोल प्यार
कच्चे धागे की इस डोर से बंधा हर भाई
बहन की रक्षा के लिए न्यौछावर करदे अपनी जान
ऐसे रिश्ते ही हैं भारतीय संस्कृति की पहचान
कृष्ण ने भी इसी रिश्ते की खातिर चीर बढाकर
कौरवौं की सभा में रखा था द्रौपदी का मान
मुस्लिम हुमायूँ ने भी मेवाड़ की रक्षा कर फर्ज निभाया
मेवाड़ की हिन्दू रानी कर्मवती ने जो उसे अपना भाई बनाया
हिन्दू- मुस्लिम का ख्याल किये बिना हुमायूँ चला आया
मेवाड़ के मुस्किल वक्त में कर्मवती के प्रति अपना भाई धर्म निभाया
ऐसे प्रसंगों ने इस रिश्ते का और भी मान बढाया
बहन-भाई के प्यार और सम्मान को दुगना कर दिखाया
हर बहन अपने भाई की दुआ सलामती माँगें जहाँ
भाई ने भी वहाँ जान पर खेलकर राखी का कर्ज निभाया
प्रवीन मलिक ...........
आ गया है देखो राखी का पावन त्यौहार
क्या हीरे-मोती का मोल क्या सोने-चाँदी का
इक धागे से बंधा भाई-बहन का अनमोल प्यार
कच्चे धागे की इस डोर से बंधा हर भाई
बहन की रक्षा के लिए न्यौछावर करदे अपनी जान
ऐसे रिश्ते ही हैं भारतीय संस्कृति की पहचान
कृष्ण ने भी इसी रिश्ते की खातिर चीर बढाकर
कौरवौं की सभा में रखा था द्रौपदी का मान
मुस्लिम हुमायूँ ने भी मेवाड़ की रक्षा कर फर्ज निभाया
मेवाड़ की हिन्दू रानी कर्मवती ने जो उसे अपना भाई बनाया
हिन्दू- मुस्लिम का ख्याल किये बिना हुमायूँ चला आया
मेवाड़ के मुस्किल वक्त में कर्मवती के प्रति अपना भाई धर्म निभाया
ऐसे प्रसंगों ने इस रिश्ते का और भी मान बढाया
बहन-भाई के प्यार और सम्मान को दुगना कर दिखाया
हर बहन अपने भाई की दुआ सलामती माँगें जहाँ
भाई ने भी वहाँ जान पर खेलकर राखी का कर्ज निभाया
प्रवीन मलिक ...........
बहुत सुन्दर प्रस्तुति.. हिंदी ब्लॉग समूह के शुभारंभ पर आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी पोस्ट हिंदी ब्लॉग समूह में सामिल की गयी और आप की इस प्रविष्टि की चर्चा {सोमवार} (19-08-2013) को
ReplyDeleteहिंदी ब्लॉग समूह
पर की जाएगी, ताकि अधिक से अधिक लोग आपकी रचना पढ़ सकें . कृपया आप भी {सोमवार} (19-08-2013) को पधारें, सादर .... Darshan jangra
राखी के उपलक्ष्य में सुन्दर भावमय रचना ...
ReplyDeleteसुंदर भाव !
ReplyDeleteभाई बहन के प्रेम के भाव लिए हुए बहुत बेहतरीन रचना !!
ReplyDeleterakhi ke awsar par bhai bahan ke pyar ko darshate achche bhav
ReplyDeleteराखी के अवसर पर सुन्दर प्रस्तुति .
ReplyDeletebahan bhai ke bhaw ko sanjoti pyari si kavita... badhia shubhkamnayen.......
ReplyDeleteबढिया, बहुत सुंदर
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
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