चाहे हम दूर करना भ्रष्टाचार
पर आदतों से हम सब लाचार
दोषी नहीं है केवल सरकार
हम भी उतने ही जिम्मेदार.....
पैसे की भूख का बोलबाला
जिससे इमान इन्सान का डोला
इमानदारी को राख कर डाला
देश को खोखला कर डाला.....
हर कोई करता यहाँ घोटाला
कहीं चारा तो कहीं कोयला
मिड डे मील भी बना विषैला
कितने मासूमों को मार डाला.......
प्राइवेट दफ्तर हो या सरकारी
हर जगह लेन-देन की मारामारी
दिखती नहीं कहीं भी इमानदारी
इस तरह फैल चुकी है ये महामारी......
न खत्म होगा ये किसी कानून से
करना होगा दहन इसका खुदी से
आज नहीं तो कल होगा इमानदारी से
कर लो मुक्त खुद को इस बिमारी से ......
प्रवीन मलिक........
पर आदतों से हम सब लाचार
दोषी नहीं है केवल सरकार
हम भी उतने ही जिम्मेदार.....
पैसे की भूख का बोलबाला
जिससे इमान इन्सान का डोला
इमानदारी को राख कर डाला
देश को खोखला कर डाला.....
हर कोई करता यहाँ घोटाला
कहीं चारा तो कहीं कोयला
मिड डे मील भी बना विषैला
कितने मासूमों को मार डाला.......
प्राइवेट दफ्तर हो या सरकारी
हर जगह लेन-देन की मारामारी
दिखती नहीं कहीं भी इमानदारी
इस तरह फैल चुकी है ये महामारी......
न खत्म होगा ये किसी कानून से
करना होगा दहन इसका खुदी से
आज नहीं तो कल होगा इमानदारी से
कर लो मुक्त खुद को इस बिमारी से ......
प्रवीन मलिक........
प्राइवेट दफ्तर हो या सरकारी
ReplyDeleteहर जगह लेन-देन की मारामारी
दिखती नहीं कहीं भी इमानदारी
इस तरह फैल चुकी है ये महामारी...
एक महामारी की तरह रगों में घुस गया है भ्रष्टाचार ... इससे छुटकारा नहीं पाया तो कोई भी नहीं बचने वाला ... अच्छी रचना है बहुत ही ...
बहुत सुन्दर ..... अच्छी रचना है बहुत ही बहुत खूब ..
ReplyDeleteसच कहा भष्ट्राचार ने देश को खोखला कर डाला ... बढ़िया रचना ...
ReplyDeleteसुंदर रचना .....सटीक आंकलन .........
ReplyDeleteभ्रष्टाचार बहुत ज्यादा ही बढ़ गया हैं |
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