दहेज प्रथा
सामाजिक पतन
कैसी ये व्यथा !!
भ्रूण संहार
अंसतुलित हम
गिरता स्तर !!
घना कोहरा
छायी उदासीनता
न हो सवेरा !!
उम्र नादान
विलक्षण प्रतिभा
छू आसमान !!
कड़वा सच
गिरती नैतिकता
देख दर्पण !!
प्रवीन मलिक .......
सामाजिक पतन
कैसी ये व्यथा !!
भ्रूण संहार
अंसतुलित हम
गिरता स्तर !!
घना कोहरा
छायी उदासीनता
न हो सवेरा !!
उम्र नादान
विलक्षण प्रतिभा
छू आसमान !!
कड़वा सच
गिरती नैतिकता
देख दर्पण !!
प्रवीन मलिक .......
सुन्दर हाइकू रचना !
ReplyDeletelatest post: क्षमा प्रार्थना (रुबैयाँ छन्द )
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सादर धन्यवाद आदरणीय ...
Deleteअच्छे हाइकू लिखे हैं प्रवीण जी !
ReplyDeleteशालिनी जी सीख रही हूँ ... यही प्रयास है कि एक दिन अच्छे हाइकु लिखूँ ...सादर धन्यवाद !
Deleteआदरेया प्रवीन जी आपके पांचो हाइकू एक से एक बढकर है,बहुत ही सार्थक हाइकू हैं,धन्यबाद।
ReplyDeleteआदरणीय राजेन्द्र जी हाइकु लिखना सीख रहीं हूँ ़़ आप लोगों को पसन्द आये तहे दिल से आभार ... सादर धन्यवाद !
Deleteसार्थक हाइकू
ReplyDeleteआप लोगों का स्नेह पाकर लिखना सार्थक हुआ सरस जी ... स्नेह यूहीं बनाये रखिये ... सादर धन्यवाद !
Deleteसादर आभार अरुन जी ...
ReplyDeleteसादर धन्यवाद आदरणीय ....
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