देखो मैंनें देखा है इक सपना
आज नहीं तो पूरा हो कल सपना !!
दुख का न कोई साया हो
अपनों में न कोई पराया हो
देखो मैंनें देखा है इक सपना
आज नहीं तो पूरा हो कल सपना !!
मँहगांई की न कहीं मार हो
देश मेरा मुक्त भ्रस्टाचार हो
देखो मैंनें देखा है इक सपना
आज नहीं तो पूरा हो कल सपना !!
बेटियों का सदैव सम्मान हो
बेइज्जत न कोई सरेआम हो
देखो मैंनें देखा है इक सपना
आज नहीं तो पूरा हो कल सपना !!
निरक्षरता का न कहीं साया हो
भूख-गरीबी की न कहीं छाया हो
देखो मैंनें देखा है इक सपना
आज नहीं तो पूरा हो कल सपना !!
देश पहले सा स्वर्णिम हो
खुशहाली महकती चँहुओर हो
देखो मैंनें देखा है इक सपना
आज नहीं तो पूरा हो कल सपना !!
(प्रवीन मलिक)
आज नहीं तो पूरा हो कल सपना !!
दुख का न कोई साया हो
अपनों में न कोई पराया हो
देखो मैंनें देखा है इक सपना
आज नहीं तो पूरा हो कल सपना !!
मँहगांई की न कहीं मार हो
देश मेरा मुक्त भ्रस्टाचार हो
देखो मैंनें देखा है इक सपना
आज नहीं तो पूरा हो कल सपना !!
बेटियों का सदैव सम्मान हो
बेइज्जत न कोई सरेआम हो
देखो मैंनें देखा है इक सपना
आज नहीं तो पूरा हो कल सपना !!
निरक्षरता का न कहीं साया हो
भूख-गरीबी की न कहीं छाया हो
देखो मैंनें देखा है इक सपना
आज नहीं तो पूरा हो कल सपना !!
देश पहले सा स्वर्णिम हो
खुशहाली महकती चँहुओर हो
देखो मैंनें देखा है इक सपना
आज नहीं तो पूरा हो कल सपना !!
(प्रवीन मलिक)
आपकी इस प्रस्तुति की चर्चा आज सोमवार [09.09.2013]
ReplyDeleteचर्चामंच 1363 पर
कृपया पधार कर अनुग्रहित करें
सादर
सरिता भाटिया
शुभकामनायें सपनों को ..
ReplyDelete
ReplyDeleteसभी बहुत सुन्दर सपने
latest post: यादें
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। ।
ReplyDelete