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Sunday, 8 September 2013

मैंनें देखा है इक सपना......

देखो मैंनें देखा है इक सपना
आज नहीं तो पूरा हो कल सपना !!

दुख का न कोई साया हो
अपनों में न कोई पराया हो
देखो मैंनें देखा है इक सपना
आज नहीं तो पूरा हो कल सपना !!

मँहगांई की न कहीं मार हो
देश मेरा मुक्त भ्रस्टाचार हो 
देखो मैंनें देखा है इक सपना
आज नहीं तो पूरा हो कल सपना !!

बेटियों का सदैव सम्मान हो
बेइज्जत न कोई सरेआम हो 
देखो मैंनें देखा है इक सपना
आज नहीं तो पूरा हो कल सपना !!

निरक्षरता का न कहीं साया हो
भूख-गरीबी की न कहीं छाया हो 
देखो मैंनें देखा है इक सपना
आज नहीं तो पूरा हो कल सपना !!

देश पहले सा स्वर्णिम हो
खुशहाली महकती चँहुओर हो
देखो मैंनें देखा है इक सपना
आज नहीं तो पूरा हो कल सपना !!

                 (प्रवीन मलिक)

4 comments:

  1. आपकी इस प्रस्तुति की चर्चा आज सोमवार [09.09.2013]
    चर्चामंच 1363 पर
    कृपया पधार कर अनुग्रहित करें
    सादर
    सरिता भाटिया

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  2. शुभकामनायें सपनों को ..

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। ।

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पधारने के लिए धन्यवाद